02 जनवरी, 2013

वही शख़्स - -

न फेर यूँ निगाहें, उसकी दुआओं में है 
शामिल जहाँ की ख़ूबसूरती, वो 
वही शख़्स है जिसने तुझे 
अता की ज़िन्दगी,
वो वही 
आलम ए रौशनी है जिसकी पनाह में 
है दुनिया ओ बहिश्त की अमन 
ओ ख़ुशी, न कर यूँ तू 
नज़रअंदाज़ 
उसकी 
शख़्सियत में है कहीं सदा ए ख़ुदा, वो 
वही शख़्स है जिसने तुझे 
सिखाया इस ज़मीं 
पर दो क़दम 
चलना -
* * 
- शांतनु सान्याल 
http://sanyalsduniya2.blogspot.com/

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