14 सितंबर, 2013

हमने भी आख़िर सीख लिया - -

ज़िन्दगी जीने का सलीका हमने भी आख़िर 
सीख लिया, काँटों से दामन बचाने 
का तरीक़ा हमने भी आख़िर 
सीख लिया, वो ज़ख्म 
जो दिल की 
गहराइयों में थे कहीं सहमें सहमें, उन्हीं - - 
ज़ख्मों से इल्म इलाज बनाना 
हमने भी आख़िर सीख 
लिया, हमें मालूम 
है रस्म ए 
दुनिया 
अच्छी तरह, कोई नहीं जो निभा जाए अहद 
उम्र भर के लिए, ख़्वाबों से निकल 
रेगिस्तां में जीना हमने भी 
आख़िर सीख लिया, 
तुम्हारे लब 
ओ रूह 
के बीच थे सदियों के फ़ासले, दर्रों के बीच - - 
ख़ुद को बचाए निकलना हमने भी 
आख़िर सीख लिया - - 
* * 
-  शांतनु सान्याल 
http://sanyalsduniya2.blogspot.in/
healing-light - - art by marina petro 

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